'हमसफर' कौन है??
सोच रे होंगे ये आया अपने मामले का विषय... "अक्सर हम लोग यही सोचते हैं कि महबूब के हाथ में हाथ डालकर चलना, उसके साथ जिंदगी के कुछ हसीन लम्हें बिताना" वही हमसफर है ! और क्यूं ना सोचें भाई टीवी, सीरियल और गानों में यही सुना और देखा है। कभी सुना - "मेरा बाप मेरा हमसफर सा लगता है" हँसी और आती होगी 😂😂😂.... क्योंकि हमारी परिभाषा में तो इश्क ही हमसफर है!!! मुला (लेकिन) ऐसा है नहीं, भई बाकि इश्क के बादशाहों के कहने पर महबूब ही हमसफर कहा गया। हम तो इतना जानते हैं कि जो रूठ कर भी हमारा साथ दे, हमारे अच्छे और बुरे दोनों वक्त में अपना हाथ दे। जिसके खयाल चाहे अलग हो, मगर हाँ में हाँ ना करे, झगड़ ले हर दिन मुझसे मगर दगा ना करे। जो दूर रहे मुझ से,पर मेरे हर हाल से वाकिफ हो। "हमसफर कोई रिश्ता नहीं, बस एक खूबसूरत अहसास है, जो माँ, बाप, भाई, बहन, दोस्त-यार हर रिश्ते की प्यास है" अगर रिश्ता जुबान है, तो आवाज हमसफर । हर रिश्ते की तलाश है, ये आदर्श हमसफर ।। धन्यवाद प्रशान्त मिश्रा #jakhmishayar पढ़ने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद, अगर आपको पसंद आया...